Saturday 23 June 2012

तेरा बल


तेरा बल

तुम जब जोर लगाओगे ,
पत्थर को पानी बनाओगे |
धरा  को मशलोगे धूल ,
हो जायेगी ,
किसी के दर्द को बाँटोगे
खुशबू फूल की आएगी |
किसी के आंसू पोंछोगे ,
देव ऋचाएं गायेंगे |
शत्रु को आँख दिखाओगे ,
काफूर बन उड़ जायेंगे |
प्रेम बरसाओ धरा को करो निर्मल ,
करो कुछ ऐसा की सबकी आँखे भर
जाएँ तेरे लिए छल छल
-सत्येन्द्र 

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