Friday 10 June 2016

Secret Himalayas रहस्यमयी हिमालय 4

योगी  बाबा ने  कहा “ हम सभी अपने पूर्वजन्मों के संस्कार , अतृप्त वासनावों  , इच्छाओं के कारण पुन: पुन: शरीर धारण करते रहते हैं | हमारे संस्कार , कर्मों तथा इच्छाओं के बीज मन के माध्यम से एक शरीर से पुनर्जन्म के बाद दुसरे शरीर में प्रवेश करते हैं | शरीर का तो नाश हो जाता है आत्मा और मन सूक्ष्म रूप से विचरण करते रहते हैं और नये शरीर की तलाश करते रहते हैं |  मन हीं इन सबका वाहन है | हम अपने कर्मों का संचय इन्द्रियों ( आँख , नाक , कान , जिह्वा तथा त्वचा ) के माध्यम से करते हैं और कर्मों का फल भुगतते हैं | इन सभी इन्द्रियों में श्रेष्ठ मन हीं है क्योंकि मन अपने चरम पर पहुँच कर समाप्त हो जाता है और परमात्मा के दर्शन होते हैं | और पंच इन्द्रियों के पीछे भी मूल रूप से मन हीं होता है | इसलिए भगवान श्री कृष्ण  गीता में अर्जुन से कहते हैं इन्द्रियानां मनसअस्मि ( इन्द्रियों में मैं मन हूँ )  इन्द्रियों के माध्यम से भोगने वाला हमारा मन हीं है | “
“और पूरा हिमालय क्षेत्र एक अद्भुत प्रकाश से जो ढका था वह क्या था |” उसने पूछा
“दीर्घ काल से , युगों युगों से यह हिमालय क्षेत्र साधको , सिद्धों , संतो का कर्म  क्षेत्र रहा है | आज भी कई सिद्ध अपने कारण शरीर और सूक्ष्म शरीर के माध्यम से यहाँ तपस्यारत हैं | वह प्रकाश उन्हीं महापुरुषों का आभामंडल था |”योगी बाबा ने कहा

“ और वे प्रकाश बिंदु जो कई तो स्थिर थे और कई गतिमान थे वह क्या था |” उस व्यक्ति ने पूछा
 “ वे वही परम सिद्ध संत और महापुरुष थे जो अपनी साधना में मग्न थे और तुम्हें स्थिर प्रकाश बिंदु के रूप में दिखाई दे रहे थे जिनका आभामंडल तुमने देखा  | और वे गतिशील ( रोकेट की तरह ) प्रकाश बिंदु ऐसे सिद्ध पुरुष थे जो भारत वर्ष और विदेशों में साधना रत नए साधकों की मदद हेतु आवागमन करते रहते हैं | कोई भी नया साधक जो साधनारत हो उसके साधना में गति हो उसकी मदद ये संत करुणावश करते रहते हैं | यह सत्य है | और  कोई  आवश्यक  नहीं की  कोई  साधक की  हीं  मदद हेतु  वे  जाएँ  बल्कि संकट के क्षणों में जो कोई भी परमात्म शक्ति पर  विश्वाश करता है या ना भी करता हो  और मदद के लिए पुकारता है उसके लिए ये शीघ्रता से दौड़ जाते हैं सिर्फ भाव शुद्ध होने चाहिए | ” योगी बाबा ने कहा
और मैं वहां आकाश में कैसे गया ? यह सूक्ष्म शरीर क्या  है ?” उस व्यक्ति ने पूछा

योगी बाबा उसके तरफ देख कर मुस्कुराए ! 
जारी ...............
चित्र Google Image से साभार प्राप्त 

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