पुरे ब्रह्मांड में
अपनी सकारात्मक ऊर्जा फैलाएं यह आपके हाथ
में हैं | हिमालय के हिम गुफाओं में बैठे अनेकों सूक्ष्म शरीर में अवस्थित संत ये
काम करते हैं | और आप भी ये काम कर सकते हैं | ऐसा करने से सकारात्मकता और नकारात्मकता
में बैलेंस बना रहता है | अगर आप अपनी सकारात्मकता ब्रह्मांड में फैलायेंगे
तो इसका लाभ आपको भी मिलेगा औरों को तो
लाभ मिलेगा हीं |
बहुत हीं आसान उपाय
है ऐसा करने का |
आराम से बैठ जाएँ |
सुखासन में | रीढ़ की हड्डी सीधी हो, तनी
हुई नहीं |
निचे कोई आसन बिछा
लें ऊनी या सूती कुछ भी |
आँखें बंद कर लें |
दो चार लम्बी गहरी
साँसें लें और छोड़ दें | आराम से आहिस्ता आहिस्ता जोर लगाकर नहीं |
अपने ध्यान को आज्ञा
चक्र ( दोनों भौं के बीच में ) पर टिका दें तीन से पांच मिनट तक |
पांच मिनट बाद ,
अपने ध्यान को सर के
चोटी पर अपना ध्यान ले जाएँ |
दो से तीन मिनट तक
वहां ( सर के चोटी पर ) ध्यान टिकाने के बाद ,
कल्पना करें पुरे
ब्रह्माण्ड का , अन्तरिक्ष का इसमें अपनी पृथ्वी का तस्वीर भी देखें |
कल्पना करें एक
पवित्र श्वेत ( सफ़ेद ) ईश्वरीय प्रकाश
पुरे ब्रह्माण्ड में फ़ैल रहा है , जिससे अपनी पृथ्वी भी ढकी जा रही है |
बीस से तीस मिनट तक
इस कल्पना में डूबे रहें |
पुन: ध्यान को आज्ञा
चक्र पर लायें | तीन से पांच मिनट तक अपना ध्यान आज्ञा चक्र पर रखें |
फिर , अपना समय लेते हुए अपना ध्यान खोल सकते हैं |
ईश्वरीय श्वेत
प्रकाश की कल्पना करने उसमे डूबने पर आप कई बार रोमांचित हो सकते हैं |
यह साधारण सा ध्यान
प्रयोग आपके जीवन में क्रान्ति ला सकती है | कर के तो देखें |
ॐ ॐ ॐ
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