समस्त जीवन का
आधार क्या है ?
पृथ्वी पर जीवन का आधार क्या है ?
विज्ञान कहता है
समस्त पृथ्वी पर जीवन का आधार सूर्य है | सूर्य से हीं सारी पृथ्वी तथा अन्य अन्य
संचालित होते हैं यह सत्य है | फिलहाल हम विज्ञान की बात को हीं मानते हैं | अध्यात्मिक जगत भी सूर्य को अत्यधिक महता
देता है किन्तु समस्त जगत के कारण में अध्यात्म ईश्वरीय सता जिसे सनातन में ब्रह्म
की उपमा दी गयी है उसे मानता है | समस्त जगत का कारण ब्रह्म है जो सर्वत्र व्याप्त है | हालाकि
विज्ञान भी इसे मानता है किन्तु अभी उहापोह की स्थिति है |
समस्त जीवन का
कारण सूर्य की रश्मियाँ हैं विज्ञान के
अनुसार किन्तु सत्य इससे भी परे है खैर हम ध्यान पर आते हैं |
निचे वर्णित ध्यान
प्रयोग भाव प्रधान है और बहुत हीं
शक्तिशाली है बहुत हीं शक्तिशाली कहने से
डरने की आवश्यकता नहीं है इस ध्यान प्रयोग
से नुक्सान कुछ भी होने वाला नहीं है और
लाभ यह तो आप कर के हीं देखें और बताएं | इस ध्यान को करने से समस्त रोगों में लाभ
मिलेगा , अपनी ऊर्जा परम पर होगी , आत्मविश्वाश में गजब का फायदा मिलेगा | दिव्य
ऊर्जा की अनुभूति होगी |
लम्बे अभ्यास के बाद कई सिद्धियाँ भी
प्रकट हो सकती हैं , यथा |
यह ध्यान किसी भी
समय किया जा सकता है किन्तु सूर्योदय के पूर्व या सूर्योदय के समय करने पर अत्यधिक
लाभ मिल सकता है |
प्रथम चरण
आराम से सुखासन में
बैठ जाएँ | निचे कोई ऊनी , सूती का आसन
बिछा लें | रीढ़ की हड्डी सीधी कर लें तनी हुई नहीं |
आँखें बंद कर लें |
दो चार लम्बी गहरी सांस लें और छोड़ दें | आहिस्ता आहिस्ता आराम से |
ध्यान को आज्ञा चक्र पर लायें
| तीन से पांच मिनट तक |
अब ध्यान को सर के चोटी पर ले जाएँ तीन से पांच मिनट तक
ध्यान को सर के चोटी पर टिकाये रखें |
अब सूर्य का ध्यान
करें प्रकाश से युक्त सूर्य आपके सर पर चमक रहा है और सूर्य की रश्मियाँ ( किरणें
) आपके सर पर गिर रहीं हैं ऐसा भाव करें |
पन्द्रह से बीस मिनट
तक ऐसा भाव करें |
दूसरा चरण
ध्यान को आज्ञा चक्र
पर लायें तीन से पांच मिनट तक |
उसके बाद
ध्यान को नाभि (
मणिपुर चक्र ) के पास ले आयें | दो मिनट
तक ध्यान को नाभि पर टिकाने के बाद
कल्पना करें आपके
नाभि क्षेत्र में एक उगते हुए लाल सूर्य
को देखें | इस उगते हुए लाल सूर्य से प्रकाश की किरणें निकल कर आपके सारे शरीर में
फ़ैल रही है ऐसी कल्पना करें |
पन्द्रह से बीस मिनट
तक ऐसी कल्पना करें
पुनः ध्यान को आज्ञा
चक्र पर लायें दो से पांच मिनट तक |
इसके बाद आप ध्यान
से निकल सकते हैं |
यह प्रकाश की किरणें
आपके सारे रोगों को दूर करेगी | आपमें आत्मविश्वाश को बढ़ाएगी , आपमें आनन्द का संचार करेगी | और भी
अनेकों लाभ पहुंचाएगी |
ॐ ॐ ॐ