आत्मविश्वाश
ऐसी मास्टर की ( कुंजी ) है जो
प्रत्येक ताले को
फटाक से खोल
देती है | अब
अपने मोदी साहब
को हीं लीजिये
कहाँ चाय बेचने
वाला छोकरा और अब
कहाँ दुनिया के
सबसे बड़े लोकतंत्र का
प्रधान मंत्री | ईश्वर
ने उपर से
कोई विशेषता भर
कर मोदी जी
को नहीं भेजा
बल्कि वे भी
हमारे आपके जैसे
साधारण इंसान हीं
हैं | किन्तु जो बात
उन्हें
हमसे अलग बनाती
है वह है उनका
आत्मविश्वाश |
अपने उपर
विश्वाश करो फिर
सारे रास्ते खुले हुए
नजर आयेंगे | अपने
जीवन में किसी
भी वस्तु को अहमियत
मत दो जैसे
रुपया , धन आदि
| वैसे तो जीवन चलाने के लिए धन आवश्यक है किन्तु धन के पीछे पागलों की तरह दौड़ना मूर्खता है | कुछ लोग इसलिए
परेशान होते हैं क्यूंकि
उन्होंने लाखों करोड़ों
से खेला किन्तु आज
उनके बैंक अकाउंट
में हज़ार रूपये
भी नहीं हैं |
अरे पागल ! तुम सही सलामत
हो तो रुपया
पैदा कर लोगे
काहे चिंता करते हो |
अपने
देश के
एक सुपरस्टार हैं
श्री अमिताभ बच्चन
जी मुझे याद है उन्होंने
अपने एक इंटरव्यू में अपने
मुफलिसी के दिनों को याद करते
हुए कहा
था “ जो लोग मेरे
साथ काम करने
को तरसते थे
उन्होंने भी मुझसे किनारा
कर लिया था |” अमिताभ आज फिर
बुलंदी के एक मुकाम
पर हैं |
खम्भ
ठोक ठेलता है जब नर | पर्वत के
जाते पाँव उखड़ |
सौभाग्य न सब
दिन सोता है | देखें आगे
क्या होता है |
- दिनकर
जीवन
में बहुत से
कारक हमारे आत्मविश्वाश
को परखती है किन्तु
याद रहे हमेशा हम
अलग हैं और परिस्थितियां अलग हैं
कभी भी उन परिस्थितिओं के साथ
अपने को एकाकार मत करो | दूर
खड़े रह कर उन परिस्थितिओं को देखो
और उन परिस्थितिओं पर विजय पाने
की रणनीति बनाओ |
तुम अगर ठान
लोगो तब क्या संभव
नहीं है ठान
कर तो देखो Let’s
begin ………….
नोट : शीर्षक आत्मविश्वाश की
आग रखी है
मैंने किन्तु शीर्षक
देख कर चौकना
नहीं क्यूंकि आत्मविश्वाश की ये
आग जलाती नहीं बल्कि
तपाती है |
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