Wednesday, 10 September 2025

अतीन्द्रिय शक्ति जागृति के लिए ध्यान ( Meditation for awakening extrasensory power)

 अतीन्द्रिय जागृति या इसके प्रति आकर्षण मानव स्वाभाव में शामिल है | प्राचीन काल से हीं ऐसी अनुभूतियाँ हमारे संत महात्मा, ऋषि मुनियों ने की है | यह अनुभूति आलौकिक होती है | इसे बोल कर नहीं बताया जा सकता बल्कि स्वयं अनुभव का के समझा जा सकता है | प्रस्तुत है ऐसी हीं अतीन्द्री ज्ञान को विकसित करने वाली एक छोटी सी ध्यान विधि , इसे बस जैसा निर्देश लिखा गया है वैसे हीं करते जाएँ | 

मेरी लिखी पुस्तक - ध्यान के रहस्य 

एक ध्यान प्रयोग - अतीन्द्रिय जागृति ध्यान
आराम से सुखासन में बैठ जाएँ
आँखे बंद
एक लम्बी गहरी सांस अंदर लें और छोड़ दें आहिस्ते आहिस्ते ( ऐसा तीन से पांच बार करें )
सारे शरीर को ढीला छोड़ें , कंधों को , चेहरा को ढीला छोड़ें |
तीन बार ॐ का उच्चारण करें |
सारा ध्यान अनाहत चक्र पर लायें छाती के दोनों पसलियों के मध्य में | दोनों पसलियों के मध्य मन को केन्द्रित कर दें दस मिनट तक |
पसलिओं के बीच की संवेदना ( Sensation ) को मह्शूश करें |
अब दस मिनट आज्ञा चक्र (दोनों भौं के बीच में ) पर अपने ध्यान को केन्द्रित करें |
दस मिनट आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाने के बाद ,
अब दस मिनट कल्पना करें अनाहत चक्र और आज्ञा चक्र एक श्वेत ( सफ़ेद ) प्रकाश किरण से जुड़े हुए हैं
दस मिनट इस कल्पना में डूबे रहें |
इस ध्यान प्रयोग से अतीन्द्रिय शक्तियाँ जागृत होती है |
कुल तीस मिनट का ध्यान प्रयोग है कभी भी कर सकते हैं | निर्भीक हो कर यह ध्यान करें |
विधि छोटी है पर बहुत कारगर है |