Tuesday, 16 May 2023

Why do we need to meditate

Meditation is a practice that has been valued for centuries and is gaining increasing recognition in the modern world for its numerous benefits. It involves training the mind to focus and redirect thoughts, leading to a state of heightened awareness and inner calm. The importance of meditation stems from its ability to positively impact various aspects of one's physical, mental, and emotional well-being.

One key benefit of meditation is its ability to reduce stress and promote relaxation. Through regular practice, individuals learn to quiet the mind and let go of racing thoughts, thus reducing anxiety and enhancing overall mental clarity. This practice has been shown to lower levels of the stress hormone cortisol, leading to improved immune function, better sleep, and a greater sense of well-being.

Another significant aspect of meditation is its impact on mental health. Studies have shown that meditation can help alleviate symptoms of depression and anxiety by promoting a more positive outlook, increasing self-awareness, and developing coping mechanisms for stress. It encourages individuals to observe their thoughts without judgment, creating a greater sense of emotional stability and resilience.

Furthermore, meditation can enhance cognitive function and focus. Regular practice has been associated with improved attention span, memory retention, and decision-making abilities. By training the mind to concentrate on a specific object or thought, meditation helps individuals develop mental clarity, creativity, and problem-solving skills.

In addition to its mental benefits, meditation also has positive effects on physical health. It has been found to reduce blood pressure, lower heart rate, and decrease the risk of cardiovascular diseases. Moreover, meditation can improve the immune system's functioning, leading to a stronger Défense against illness and disease.

Beyond the individual level, meditation has the potential to foster greater compassion and empathy. By cultivating a deeper understanding of oneself, individuals can develop a more empathetic attitude towards others, enhancing interpersonal relationships and promoting a sense of interconnectedness.

In summary, the importance of meditation lies in its ability to enhance overall well-being. By reducing stress, improving mental health, sharpening cognitive abilities, and promoting physical well-being, meditation offers a holistic approach to self-care. Incorporating this practice into daily life can lead to a greater sense of inner peace, balance, and resilience, ultimately contributing to a healthier and more fulfilling life.

  

Sunday, 28 October 2018

शक्तिपात और रोग उपचार


जब कोई व्यक्ति जो सिद्ध हो अपने पुरे जोर शोर से मन्त्र शक्ति के द्वारा किसी दुसरे व्यक्ति पर अपने शक्ति  को उडेलता है इसे हम अध्यात्म की भाषा में शक्तिपात  कहते हैं | कोई भी सिद्ध गुरु शक्तिपात कर सकता है | शक्तिपात में उड़ेले जाने वाली शक्ति की मात्रा शिष्य  या उस व्यक्ति के  सहन शक्ति या क्षमता पर निर्भर करता है | भारत में कई योग्य गुरुओं  के द्वारा शक्तिपात की घटना को अंजाम दिया गया है | रामकृष्ण परमहंस ने विवेकानन्द पर शक्तिपात किया था | योगी कथामृत में भी परमहंस योगानन्द ने शक्तिपात के घटना का वर्णन किया है |
जब किसी शिष्य की अध्यात्मिक गति किसी कारण वश या प्रारब्ध के कर्मों के कारण रुक जाती है तो गुरु करुणा करते हुए शिष्य पर उसके अध्यात्मिक गति को सही राह पर लाने के लिए शक्तिपात करता है | कभी कभी गहन रोगों के चिकत्सा करने के लिए भी गुरु अपने शक्ति का इस्तेमाल करते हुए शक्तिपात करता है तथा शिष्य को रोग से मुक्त करता है | शक्तिपात के द्वारा रोगों से मुक्ति दी जा सकती है |
शक्तिपात किसी पर भी किया जा सकता है चाहे वह व्यक्ति शिष्य हो या साधारण आदमी इसके लिए शिष्य होना कोई जरूरी शर्त नहीं है |

शक्तिपात करने के तरीके
आमने सामने बिठा कर – इसमें गुरु अपने शिष्य को सामने बिठा देता है तथा शिष्य के सहस्त्रार चक्र या आज्ञा चक्र पर  अंगूठे से स्पर्श करता है | स्पर्श पाते हीं शिष्य  अद्वैत आनन्द में लीन हो जाता है | इस तरह का प्रयोग जिस शिष्य की अध्यात्मिक गति रुकी हुई हो उसके लिए ख़ास कर के किया जाता है |
तस्वीर के द्वारा – किसी व्यक्ति कोई आवश्यक नहीं की वह शिष्य हीं हो की तस्वीर सामने रख कर त्राटक एवं मन्त्र शक्ति के द्वारा तस्वीर के माध्यम से व्यक्ति पर शक्तिपात किया जाता है | इस तरह का शक्तिपात ख़ास कर रोगी व्यक्ति के लिए किया जाता है | ऐसे शक्तिपात करने से रोगी धीरे धीरे पूर्ण स्वस्थ हो जाता है |
आवाज़ सुन कर – किसी व्यक्ति के आवाज़ को सुन कर उसके आवाज़ के माध्यम से भी उस  शक्तिपात किया जा सकता है |
कल्पना में ध्यान के द्वारा – किसी भी व्यक्ति की एक काल्पनिक तस्वीर बना कर कोई आवश्यक नहीं की व्यक्ति गुरु से मिला हो या उसकी तस्वीर गुरु ने देखी  हो गुरु काल्पनिक तस्वीर बना कर गहन ध्यान की अवस्था में व्यक्ति पर शक्तिपात करता है |
कुछ मित्रों का आग्रह था की शक्तिपात पर भी कुछ लिखें मेरी जानकारी अनुभव  और ज्ञान के अनुसार मैंने उपरोक्त लेख लिखें हैं आप अपने अनुभवों की कसौटी पर इसे जाचें |